कठपुतली सी है ये जिंदगी,नाचने वाला कोई और है,नचाने वाला कोई और है।तमाशा है जंज्बातों का,रोने वाला कोई और है,रुलाने वाला कोई और है।रिश्तों का ताना-बाना है,बुनने वाला कोई और है,निभाने वाला कोई और है।