खुली किताब सी है जिंदगी---
न जाने कौन कह गया गुलाब सी है जिंदगी
मेरे तो वास्ते अज़ी अजाब सी है जिंदगी
कभी खुशी तो ग़म कभी ,हैं अश्क तो खुशी कभी
रगों में घुल रही नयी शराब सी है जिंदगी
तू ही न चाहे गर मुझे जो पढ़ना तो मैं क्या करूं
सभी के वास्ते खुली किताब सी है जिंदगी
खबर न मंजिलों की कुछ,न रास्तों की कुछ समझ
बगैर हम सफ़र के इज़्तिराब सी है जिंदगी--बैचेन
हूं कशमकश में जिंदगी कि नाम दूं तो क्या तुझे
सवाल सी कभी , कभी जवाब सी है जिंदगी
क़मर नुजूम अर फ़लक हैं सब निगाहों में मेरे-- चांद, सितारे
होने लगा यकीं कि मुस्तजाब सी है जिंदगी --कबूल
है झिलमिलाती चांदनी सी आईने में वंदना
है रू-ब-रू कि दूर वो सराब सी है जिंदगी
वंदना मोदी गोयल
Beautiful 👌 👌
😘😘😘👌
Beautiful Gazal👌👌