top of page

"पहलगाम की पुकार: भारत का मौन क्रोध, सर्जिकल प्रहार और शांति की राह"

ऑपरेशन सिंदूर: ये लेख आज मेरी एक कोशिश है भारत की पहलगाम त्रासदी से लेकर ऑपरेशन सिंदूर, वीर महिला अधिकारियों के नेतृत्व में भारतीय जवाब, युद्ध और अंततः युद्धविराम तक की संपूर्ण वीर गाथा को कुछ शब्दों में पिरोकर आप सब तक पहुंचाने की ।


पहेलगाम में निर्दोष श्रद्धालुओं पर हुए कायरतापूर्ण हमले ने न केवल भारत को झकझोर दिया, बल्कि हमें यह भी याद दिलाया कि शांति की कीमत केवल आशा से नहीं, बल्कि साहसिक कार्यवाही से चुकाई जाती है। इस क्रूर हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर नामक सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया—जो केवल सैन्य कार्यवाही नहीं बल्कि एक नैतिक उत्तर था।

“हम युद्ध नहीं चाहते, परंतु आतंक को कभी सहन नहीं करेंगे। भारत की चुप्पी शांति है, पर उसका उत्तर वज्र है।” – भारतीय रक्षा सूत्र

ऑपरेशन सिंदूर की आवश्यकता क्यों पड़ी?

जम्मू-कश्मीर में धार्मिक पहचान पूछकर की गई निर्मम हत्या ने भारतीय जनमानस को हिला दिया। यह हमला केवल लोगों की जान लेने तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य देश के भीतर धार्मिक विभाजन पैदा करना और भय का माहौल बनाना था। भारत का उत्तर स्पष्ट और कठोर था—न्याय, सुरक्षा और संदेश देने वाला।

ऑपरेशन सिंदूर की विशेषताएं

  • तेज़ रणनीति और क्रियान्वयन: मात्र 72 घंटों में खुफिया एजेंसियों की सूचना के आधार पर कार्यवाही की गई।

  • 0 नागरिक हानि: ऑपरेशन इस प्रकार नियोजित किया गया कि किसी निर्दोष को हानि न पहुंचे।

  • प्रतीकात्मक लक्ष्य: उन्हीं आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया जो पूर्व में हमलों से जुड़े रहे हैं।

“प्रतिशोध व्यक्तिगत होता है, पर न्याय राष्ट्रीय।” – पूर्व भारतीय सेना अधिकारी

महिला अधिकारियों की वीरता

इस ऑपरेशन की सबसे प्रेरणादायक बात थी महिला सैन्य अधिकारी सोफिया खुराशी और लिंग कमांडर व्योमिका का नेतृत्व। उन्होंने न केवल योजना में अहम भूमिका निभाई बल्कि फील्ड में जाकर मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह भारत की नई शक्ति का प्रतीक है—जहां वीरता का कोई लिंग नहीं होता।

Females in Indian Army

पाकिस्तान की गहरी हार

इस हमले में पाकिस्तान के नौ प्रमुख आतंकी संगठन और 100 से अधिक आतंकी मारे गए। इसके बाद वैश्विक दबाव इतना बढ़ा कि पाकिस्तान को अंततः सीज़फायर की ओर बढ़ना पड़ा। भारत की यह विजय केवल सैन्य नहीं, कूटनीतिक और नैतिक भी थी।

'सिंदूर' नाम का अर्थ

'सिंदूर' शब्द केवल सौंदर्य का प्रतीक नहीं, बल्कि बलिदान और सम्मान का भी प्रतीक है। इस ऑपरेशन का नाम उन नवविवाहित जोड़ों की स्मृति में रखा गया जिनकी प्रेम कहानी आतंक के कारण अधूरी रह गई।

“निर्दोषों का रक्त व्यर्थ नहीं जाता; वह तिरंगे में समा जाता है।” – इंडिया गेट से एक श्रद्धांजलि

राष्ट्रीय गौरव और एकता

ऑपरेशन सिंदूर ने देश को एक सूत्र में बांधा। हर घर, हर दिल में भारतीय सेना पर गर्व है। यह संदेश केवल सीमा पार नहीं गया, बल्कि यह भारत के हर नागरिक को यह एहसास दिलाने वाला पल था—तुम अकेले नहीं हो।

“जब सैनिक वार करते हैं, तब उनके साथ 140 करोड़ दिल धड़कते हैं।” – काल्पनिक प्रधानमंत्री उद्धरण

इसका भविष्य पर प्रभाव

यह समझना ज़रूरी है कि आतंकवाद केवल हथियारों से नहीं मिटेगा, उसे विचारधारा और शिक्षा से हराना होगा।

  • मानव खुफिया नेटवर्क को मज़बूत करना अनिवार्य है।

  • सुरक्षा बलों की उपस्थिति संवेदनशील क्षेत्रों में बनी रहनी चाहिए।

  • कश्मीर के युवाओं को शिक्षा, रोजगार और प्रेम के माध्यम से आगे बढ़ाना चाहिए ताकि वे कट्टरपंथ से दूर रहें।

पाकिस्तान की असल हार

पाकिस्तान के इस हमले का उद्देश्य था भारत के भीतर धार्मिक आधार पर नफरत फैलाना। लेकिन जब भारत ने संयम और समझदारी से जवाब दिया, तब वह पूरी तरह से विफल हो गया। जब हम एक-दूसरे पर संदेह नहीं, बल्कि भरोसा करते हैं, तभी हम अपने दुश्मन की असल योजना को मात देते हैं।

“हम दुश्मन को केवल सीमा पर नहीं हराते, उसकी सोच और उद्देश्य को पराजित करके भी जीतते हैं।”

निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर केवल सैन्य विजय नहीं, बल्कि नैतिक, कूटनीतिक और भावनात्मक जीत है। यह एक ऐसा क्षण है जिसने हमें याद दिलाया कि भारत केवल सीमाओं की रक्षा नहीं करता, बल्कि अपने हर नागरिक के सम्मान और सुरक्षा के लिए भी खड़ा रहता है।


#ऑपरेशनसिंदूर #भारतकीशक्ति #एकतामेंशक्ति #जयहिंद


Comentarios


  • My-lekh Instagram
  • My-lekh Facebook
Copyright © 2025 my-lekh all rights reserved
bottom of page