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पारद शिवलिंग


पारद शिवलिंग (Mercury Shivling) विशेष रूप से पारद (पारा, Mercury) से बना होता है और इसे अत्यंत शक्तिशाली और चमत्कारी माना जाता है। यह रसायन विज्ञान और तंत्र शास्त्र दोनों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

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पारद शिवलिंग का महत्व

  1. शास्त्रों में वर्णन – पारद को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है, और पारद शिवलिंग की पूजा करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है।

  2. अष्टसिद्धियों का आशीर्वाद – इसे धारण या पूजन करने से अष्टसिद्धियों (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, और वशित्व) की प्राप्ति होती है।

  1. वास्तु दोष निवारण – इसे घर या व्यापार स्थल पर रखने से वास्तु दोष समाप्त होते हैं।

  2. धन, सुख और समृद्धि – इसे पूजने से लक्ष्मी कृपा बनी रहती है और आर्थिक उन्नति होती है।


  3. स्वास्थ्य लाभ – पारद से बने शिवलिंग से उत्पन्न ऊर्जा सकारात्मक प्रभाव डालती है और मानसिक शांति प्रदान करती है।

पारद शिवलिंग की पूजा विधि

  1. शुद्धिकरण – शिवलिंग को गंगाजल, कच्चे दूध और शुद्ध जल से स्नान कराएं।

  2. पंचोपचार पूजा – जल, पुष्प, अक्षत (चावल), धूप, दीप और नैवेद्य से पूजा करें।

  3. रुद्राभिषेक – महाशिवरात्रि या विशेष अवसरों पर रुद्राभिषेक करना शुभ होता है।

  4. ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप – प्रतिदिन 108 बार इस मंत्र का जाप करें।

  5. भस्म और चंदन अर्पित करें – इससे भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

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पारद शिवलिंग के लाभ

  • जो व्यक्ति इसे पूजता है, उसे शिव कृपा से जीवन में सुख-शांति, धन, संतान सुख और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  • पारद में सकारात्मक ऊर्जा संचित करने की क्षमता होती है, जिससे यह व्यक्ति के आसपास के वातावरण को शुद्ध करता है।

  • इसे घर में स्थापित करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और परिवार में प्रेम बना रहता है।


क्या पारद शिवलिंग घर में रखना शुभ है?

शास्त्रों के अनुसार, पारद शिवलिंग घर में रखना अत्यंत शुभ होता है, लेकिन इसे उचित विधि-विधान से पूजना आवश्यक है। इसे मंदिर में रखकर नित्य पूजा करनी चाहिए, अन्यथा इसे स्थापित न करें।

अगर आप पारद शिवलिंग स्थापित करना चाहते हैं तो शुभ मुहूर्त में इसे लाकर विधिपूर्वक प्राण प्रतिष्ठा करके पूजन शुरू करें। 

ध्यानलिंगम 13 फीट 9 इंच ऊंचा सबसे बड़ा जीवित पारद शिवलिंग है, जिसे ध्यान (मेडिटेशन) के लिए ऊर्जावान और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाया गया है। यह परंपरागत शिवलिंग से अलग है क्योंकि इसमें किसी विशेष धार्मिक अनुष्ठान या पूजा की आवश्यकता नहीं होती। इसे ध्यान और ऊर्जा संतुलन के लिए डिज़ाइन किया गया है।


ध्यानलिंगम का महत्व

  1. शुद्ध ऊर्जा का स्रोत – ध्यानलिंगम को एक ऊर्जावान केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है, जो ध्यान करने वालों को गहरी शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।

  2. धर्म, जाति, पंथ से परे – यह किसी भी विशेष धार्मिक प्रथा का पालन करने के बजाय, सभी के लिए ध्यान साधना का स्थान है।

  3. सात चक्रों का संतुलन – इसे इस प्रकार स्थापित किया गया है कि यह साधकों के भीतर सात चक्रों (मूलाधार से सहस्रार तक) को सक्रिय करने में सहायक होता है।

  4. मन और शरीर पर प्रभाव – ध्यानलिंगम के पास ध्यान करने से मानसिक शांति, आंतरिक ऊर्जा और ध्यान की गहराई बढ़ती है।

Lord Shiva

ध्यानलिंगम कहाँ स्थित है?

सबसे प्रसिद्ध ध्यानलिंगम ईशा फाउंडेशन, कोयंबटूर (तमिलनाडु) में स्थित है। इसे योगी सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा स्थापित किया गया था। यह ध्यान करने के लिए अत्यंत शक्तिशाली स्थान माना जाता है और लाखों लोग यहाँ ध्यान और साधना के लिए आते हैं।


ध्यानलिंगम की विशेषताएँ

  1. ऊर्जा संरचना – ध्यानलिंगम को 13 फीट 9 इंच ऊँचा और 9 फीट व्यास में बनाया गया है।

  2. प्राण प्रतिष्ठा – इसे किसी विशेष देवता की मूर्ति की तरह नहीं बल्कि एक ऊर्जावान केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है।

  3. ध्यान के लिए आदर्श स्थान – यहाँ विशेष रूप से निर्विकल्प समाधि (सोच से परे ध्यान) की अवस्था प्राप्त करने के लिए वातावरण बनाया गया है।

  4. ध्वनि और ऊर्जा का प्रभाव – ध्यानलिंगम के पास "नाद आराधना" (विशेष ध्वनि ध्यान) किया जाता है, जिससे साधकों को गहरी ध्यान अवस्था में जाने में सहायता मिलती है।

ध्यानलिंगम का अनुभव

  • यहाँ जाने वाले लोग बताते हैं कि ध्यानलिंगम के पास बैठने से उन्हें स्वतः ही ध्यान की गहरी अनुभूति होने लगती है।

  • यह स्थान मानसिक शांति, ऊर्जा संतुलन और आंतरिक परिवर्तन के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

  • यह किसी भी पंथ, धर्म, या संप्रदाय के बंधनों से मुक्त है, केवल ध्यान और ऊर्जा संतुलन के लिए समर्पित है।


अगर आप ध्यानलिंगम का अनुभव करना चाहते हैं, तो इसे देखने और वहाँ ध्यान करने के लिए ईशा योग केंद्र, कोयंबटूर जाना एक बेहतरीन आध्यात्मिक यात्रा हो सकती है।

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